सगाई मुहूर्त 2023 | सगाई करने का शुभ मुहूर्त कब है | sagai karne ka Shubh muhurt
सगाई का सीधा अर्थ वर और कन्या वरण करना होता है। यानी दो परिवारों का मिलन एक धार्मिक तरीके से किया जाता है। वर और कन्या का सगाई करने के लिए शुभ मुहूर्त के बारे में हमारे द्वारा पोस्ट में संक्षिप्त रूप से जानकारी दी जा रही है। पोस्ट में आपको वर और कन्या के लिए सगाई करने का शुभ मुहूर्त की तिथि के बारे में पता चलेगा। दोस्तों यदि आप भी सगाई करने के लिए वर और कन्या के date of birth से शुभ मुहूर्त को जानना चाहते हैं। तो हमारे पोस्ट को ध्यान पूर्वक पढ़े।
हिंदू धर्म में किसी भी कार्य को किए जाने के पूर्व मुहूर्त देखे जाने की परंपरा होती है। ठीक उसी प्रकार सगाई करने के लिए शुभ मुहूर्त को देखना बहुत ही आवश्यक है। कारण यदि शुभ मुहूर्त में सगाई कि जाए तो वह शुभ फलदायी होगा। वर और कन्या के विवाह में भी कोई रुकावट नहीं आता है। इसलिए किसी भी कार्य को करने के लिए शुभ मुहूर्त को देखना अति आवश्यक है।
यहां पर सभी मुहूर्त काशी के सूर्योदय के समय अनुसार दिया गया है।

सगाई करने का शुभ मुहूर्त फरवरी 2023
दिनांक | वार |
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22 फरवरी 2023 | बुधवार |
26 फरवरी 2023 | रविवार |
सगाई करने का शुभ मुहूर्त मई 2023
दिनांक | वार |
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3 मई 2023 | बुधवार |
7 मई 2023 | रविवार |
10 मई 2023 | बुधवार |
11 मई 2023 | गुरुवार |
15 मई 2023 | सोमवार |
21 मई 2023 | रविवार |
29 मई 2023 | सोमवार |
सगाई करने का शुभ मुहूर्त जून 2023
दिनांक | वार |
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9 जून 2023 | शुक्रवार |
11 जून 2023 | रविवार |
12 जून 2023 | सोमवार |
26 जून 2023 | सोमवार |
30 जून 2023 | शुक्रवार |
सगाई करने का शुभ मुहूर्त जुलाई 2023
दिनांक | वार |
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3 जुलाई 2023 | सोमवार |
5 जुलाई 2023 | बुधवार |
सगाई करने का शुभ मुहूर्त सितंबर 2023
दिनांक | वार |
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6 सितंबर 2023 | बुधवार |
7 सितंबर 2023 | गुरुवार |
21 सितंबर 2023 | गुरुवार |
24 सितंबर 2023 | रविवार |
25 सितंबर 2023 | सोमवार |
29 सितंबर 2023 | शुक्रवार |
सगाई करने का शुभ मुहूर्त नवंबर 2023
दिनांक | वार |
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16 नवंबर 2023 | गुरुवार |
26 नवंबर 2023 | सोमवार |
29 नवंबर 2023 | बुधवार |
सगाई करने का शुभ मुहूर्त दिसंबर 2023
दिनांक | वार |
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7 दिसंबर 2023 | गुरुवार |
8 दिसंबर 2023 | शुक्रवार |
सगाई मुहूर्त कैसे निकाले?
दोस्तों सगाई करने के लिए शुभ मुहूर्त को निकालते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान में रखना बहुत ही जरूरी है। सगाई करने का शुभ मुहूर्त निकालते समय शुभ वार, शुभ तिथि, गुरु और शुक्र का उदय, सूर्य का उत्तरायण, शुभ योग आदि को भी देखा जाना चाहिए।
उक्त चीजों को देखने के बाद वर और कन्या के सगाई लिए शुभ नक्षत्र को देखा जाना चाहिए। वर के लिए अलग नक्षत्र और कन्या के लिए अलग नक्षत्र होता है। यहां पर नीचे वर और कन्या के लिए शुभ नक्षत्र दिया जा रहा है।
वर नक्षत्र – वर के लिए रोहणी, तीनों उत्तरा, कृतिका, तीनों पुर्वा, मृगशिरा, हस्त, मूल, अनुराधा, मघा, स्वाति, रेवती नक्षत्र शुभ होते हैं।
कन्या नक्षत्र – कन्या के लिए उत्तराषाढा, स्वाती, श्रवण, तीनों पुर्वा, अनुराधा, धनिष्ठा, कृत्तिका, मृगशिरा, हस्त, मूल, रोहणी, मघा, तीनों उत्तरा, रेवती नक्षत्र शुभ होते हैं।
दोस्तों ध्यान रहे कि, वर और कन्या के नक्षत्रों में केवल उत्तराषाढा, श्रवण और धनिष्ठा नक्षत्र में ही वर का सगाई नहीं किया जाता है। बाकी बतलाए गए सभी नक्षत्र वर और कन्या के लिए सामान्य है।
वर का सगाई (अंगूठी पहनाना) कैसे किया जाता है?
वर का सगाई करने के लिए कन्या का भाई या ब्राम्हण शुभ मुहूर्त में (जो मुहूर्त चुना गया हो) वस्त्र, जनेऊ और यथाशक्ति द्रव्यों से वर का सगाई करें। सगाई के समय फल, पुष्प, जनेऊ, वस्त्र, मिष्ठान आदि भेंट के रूप में वर को दें।
जब वर का सगाई हो रहा हो, तो उस समय वर का मुख प्रसन्न चित्त रहना चाहिए। और गीत वादन आदि बज रहे हो।
ऊपर यथाशक्ति द्रव्यों की बात की गई है। इसका अर्थ दहेज को लेकर नहीं है। इसलिए इसे दहेज के रूप में ना देखें।
कन्या का सगाई (अंगूठी पहनाना) कैसे किया जाता है?
कन्या के सगाई के समय वस्त्र, आभूषण, मिष्ठान, फल, पुष्प आदि से कन्या का सगाई करें। जब कन्या का सगाई किया जा रहा हो। उस समय कन्या का मुख प्रसन्न चित्त रहना चाहिए।
इस प्रकार आप वर और कन्या का सगाई कर सकते हैं। इस समय वर और कन्या के सगाई के समय काफी खूबसूरत समारोह का आयोजन होता है। लेकिन ऊपर केवल यथाशक्ति के रूप में ही बतलाया गया है। वर और कन्या का सगाई का समारोह आप अपने यथाशक्ति के अनुसार कर सकते हैं। इसमें कोई बंदी से नहीं है।
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