ये हैं श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का अर्थ व फायदे : पूरा पढ़े और अभी जान लीजिये !

ये हैं श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का अर्थ व फायदे : पूरा पढ़े और अभी जान लीजिये ! Shree Shivay Namastubhyam

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र की महिमा: आदि देव महादेव को प्रसन्न करना बेहद ही सरल है। भगवान शंकर को भोले की उपमा दी गई, मतलब वह बेहद ही भोले है। उन्हें प्रसन्न कर मनवांछित फल को प्राप्त किया जा सकता है। युगों-युगों से कई ऐसे उदाहरण सुनने को मिलते हैं, जब आदिदेव महादेव ने कई असुरों को भी वरदान दिए हैं। इसी क्रम में भगवान शिव जी का एक मंत्र है “श्री शिवाय नमस्तुभ्यं” इसका यदि पूर्ण निष्ठा और सच्ची श्रद्धा के साथ जाप किया जाए, तो आदि देव महादेव प्रसन्न हो जाते हैं। और मनुष्य की सारी मनोकामनाए पूर्ण कर देते हैं। इस मंत्र का जाप करने से मात्र से मनुष्य जीवन के सभी कष्ट नष्ट हो जाते हैं। तो आइये हमारे साथ जानते हैं कि क्या हैं श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र के फायदे, श्री शिवाय नमस्तुभ्यं का अर्थ, इसके जाप की विधि और इस मंत्र से जुडी कुछ अन्य सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ।

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं का हिंदी अर्थ

इस मंत्र का बेहद ही साधारण सा अर्थ है कि “हे श्री शिव आपको मेरा नमस्कार है”। यहाँ शिवाय का अर्थ भगवान शंकर से है तथा नमस्तुभ्यं का अर्थ नमस्कार से है। इससे मिल कर यह एक पूरा वाक्य बनता है कि “हे श्री शिव आपको मेरा नमस्कार है।”

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Shree Shivay Namastubhyam

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का जाप की विधि

इस जाप का उच्चारण आरम्भ करते समय आपको इस बात का विशेष ध्यान रखना है कि ऊन के बने आसन पर बैठे। जिस भी समय आप इस मंत्र का उच्चारण करें तो इस आसन का ही हर बार आपको उपयोग करना है। इसे बार-बार बदलने की जरूरत नहीं है। इस मंत्र का जाप प्रातः काल में किया जाना चाहिए साथ ही एक समय निश्चित कर लेना चाहिए और नियमित रूप से प्रतिदिन उसी समय पर इस मंत्र का जाप करना चाहिए। 108 मोती की माला के साथ इस मंत्र का 108 बार जाप करने से असंख्य लाभ प्राप्त होता है। इतना ही नहीं ऐसा करना 1 लाख 8 हजार बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने के बराबर है। भगवान शंकर के फोटो को समीप रख कर यह जाप करना बेहद ही फलदायी होता है। यदि आप चाहे तो समीप के मंदिर में या घर में बने मंदिर के सामने बैठ कर भी यह जाप कर सकते हैं।

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र के फायदे

इस मंत्र का जाप करने से केवल मनुष्य की सभी मनोकामनाएं ही पूर्ण नहीं होती है। वरण मंत्र के जाप से बहुत सी अनेकों बीमारियों से भी मुक्ति मिलती है। शिव पुराण कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा जी कहते हैं कि इस मंत्र के जाप से हार्टअटैक, कैंसर जैसी भयानक बीमारियों का उपचार भी संभव है। पीड़ित के चिकित्सक तक पहुचने तक यदि उसके समीप यह जाप किया जाए तो इस जाप से बेहद ही लाभ मिलता है।

पौराणिक मान्यता है कि इस मंत्र के जाप से लकवे और बुखार के मरीज़ को भी फायदा पहुँचता है। यदि लकवे के मरीज को शिव जी पर चढ़ा हुआ सरसों का वह तेल लगाया जाए जिस के साथ काली मिर्ची, लोंग, कमलगट्टे, बेलपत्र, शनि पत्र का भी उपयोग किया गया हो तो इस तेल की मालिश से लकवे का इलाज सम्भव होता है। इस मंत्र को हजार महामृत्युंजय मंत्र के बराबर माना गया है। इस मंत्र का जाप करने से  सुख, समृद्धि, धन लाभ, शांति की प्रप्ति भी होती है।

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं का जाप 108 बार

इस वीडियो में आपको श्री शिवाय नमस्तुभ्यं का जाप 108 बार सुनने को मिलेगा। आप इसे अपने कंप्यूटर या मोबाइल पर लगा कर इस मंत्र का लाभ उठा सकते हैं।

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं 108 मंत्र माला

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FAQs

 

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं का मतलब क्या होता है?

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं का मतलब होता है, “हे श्री शिव आपको मेरा नमस्कार है”। इस मंत्र के माध्यम से भगवान् शिव की आराधना करते हुए उन्हें नमस्कार किया जा रहा है।

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